राम मंदिर का फैसला सुनाने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज न्यायमूर्ति धर्मवीर शर्मा का निधन हो गया।

 

राम मंदिर का फैसला सुनाने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज न्यायमूर्ति धर्मवीर शर्मा का निधन हो गया। 

लखनऊ(राज्य रिपोर्टर) : देश के सबसे बड़े मामलों में शामिल रहे श्री राम जन्मभूमि विवाद को लेकर 30 सितंबर 2010 को ऐतिहासिक निर्णय देने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज न्यायमूर्ति धर्मवीर शर्मा का निधन हो गया। राम मंदिर का फैसला सुनाने के अगले दिन एक अक्टूबर, 2010 को वह सेवानिवृत्त हो गए थे।

बता दें कि न्यायमूर्ति धर्मवीर शर्मा अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाने के बाद सेवानिवृत्त हो गए थे। वह अविवाहित रहे। अपना खाना वह खुद बनाते और यदाकदा दोस्तों को भी बुलाकर खिलाते। वह 1972 में न्यायिक अधिकारी के पद पर नियुक्त हुए थे। जुलाई 1989 से 1991 तक फाइनेंशियल कॉरपोरेशन कानपुर नगर के मुख्य न्यायिक अधिकारी रहे।

सितंबर 1994 से 1997 तक प्रदेश सरकार में संयुक्त सचिव व संयुक्त विधि परामर्शी के रूप में काम किया। फिर उन्हें 1997 से फरवरी 2002 तक विशेष सचिव अतिरिक्त विधि परामर्शी उत्तर प्रदेश बनाया गया।

इसके बाद 2002 में मई से जुलाई तक प्रदेश के प्रमुख सचिव न्याय विधि परामर्शी के रूप में कार्य किया। अगस्त 2004 से अक्टूबर 2005 तक प्रमुख सचिव न्याय के पद पर कार्यरत रहे। 20 अक्टूबर, 2005 को उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपर न्यायाधीश बनाया गया, जबकि 17 सितंबर 2007 को स्थायी न्यायमूर्ति बने। राम मंदिर का फैसला सुनाने के अगले दिन एक अक्टूबर, 2010 को सेवानिवृत्त हो गए थे।

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