कर्जबाजारी से तंग आकर फिर एक 60 वर्षीय किसान ने की आत्महत्या।

 



कर्जबाजारी से तंग आकर फिर एक 60 वर्षीय किसान ने की आत्महत्या।


राजुरा ( राज्य रिपोर्टर ) :  जिवती तालुका के अंतर्गत आने वाले कुंभेजरी गांव के पास स्थित नारायणगुडा के 60 वर्षीय किसान माधव जडबा वाघमारे ने कर्जबाजारी से तंग आकर आज फासी लगाकर आत्महत्या करने की घटना सामने आयी हैं। 

                          दिखाई पड़ रहा है की महाविकास अघाड़ी सरकार की नीति क्या सिर्फ किसानों को मारने की है? जिवती तालुका के किसान किसी भी योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं और ना ही सरकार की ओर से कोई सब्सिडी प्राप्त हो पा रही हैं। किसानों को मात्र कर्ज लेकर गुजारा करना पड रहा है और कर्ज के सहारे ही खेती शुरू करनी पड रही है और उसपर भी कृषि को सही कीमत भी नहीं मिलती, ऊपर से प्रकृति की मार आखिर किसान जाए तो कहा जाए।

                          जिवती तालुका में एक महीने में पांच से दस आत्महत्याएं होती हैं लेकिन कोई इसके बारे में नहीं सोचता कि यह किसान आत्महत्या क्यों कर रहा है इसके पीछे का कारण क्या है यह कोई भी गहराई से देखता नहीं है। किसान आत्महत्या का मूल कारण भूमि पट्टा है, यदि सरकार क्षेत्र में किसानों को भूमि पट्टे वितरित करती है, तो 99 प्रतिशत किसान आत्महत्या बंद हो जाएगी। क्योकी जिनके पास पट्टा नहीं है वे किसी भी योजना का लाभ नहीं उठा सकते, उन्हें कोई अनुदान सरकार की ओर से नहीं मिलता। तब उन्हें कर्ज़ का एक ही रास्ता दिखाई देता है, वह है आत्महत्या। तो क्या है महाविकास अघाड़ी सरकार की नीति, सिर्फ किसानों की मौत ही क्यों? ऐसे कई सवाल किसानों द्वारा व्यक्त किया जा रहा हैं।



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