Coal Mines Workers Of Gratuity Payment कोल माईन्स् कामगारों के ग्रेज्यूटी भुगतान में पक्षपात के विरूध्द सेवानिवृत्त कामगार संघ द्वारा कोर्ट में याचिका दाखिल
◾उच्च न्यायालय ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर पूछा है कि ग्रेच्युटी भुगतान में दोहरे मापदंड क्यों अपनाए गए।
बल्लारपुर,( राज्य रिपोर्टर न्यूज ) : सेवानिवृत्त कोल माइंस कामगार संघ ने ग्रेच्युटी भुगतान में हो रहे भेदभाव के खिलाफ उच्च न्यायालय में रिट याचिका दाखिल की है। इसी संदर्भ में आज 10 सितम्बर को बल्लारपुर स्थित रेस्ट हाउस में पत्रकार परिषद आयोजित कर विस्तृत जानकारी दी गई।
Coal Mines Workers Of Gratuity Payment In Discrimination Of Retired Worker union By Court In Petition
रिट याचिका क्रमांक 4600/2025 पर कार्यवाही शुरू हो चुकी है। पहली सुनवाई 19 मई 2025 को हुई थी। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि भारत सरकार ने 3 अगस्त 2017 को ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम 1972 की धारा 4(3) में संशोधन कर ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी थी। यह प्रावधान सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर 01 जनवरी 2016 से लागू किया गया।
मगर प्रतिवादी विभाग ने अपने अधिकारियों और पर्यवेक्षकों को यह लाभ 01 जनवरी 2017 से दिया, जबकि गैर-कार्यकारी कर्मचारियों को यह लाभ 29 मार्च 2018 से लागू किया गया। अधिकारियों को पिछली तारीख से लाभ देना और कामगारों को इससे वंचित रखना, यह दोहरे मापदंड अपनाने जैसा है और भारतीय संविधान की धारा 14 व 16 का उल्लंघन है, ऐसा याचिकाकर्ताओं ने कहा।
माननीय उच्च न्यायालय ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर पूछा है कि ग्रेच्युटी भुगतान में दोहरे मापदंड क्यों अपनाए गए और गैर-कार्यकारी कर्मचारियों के साथ भेदभाव क्यों किया गया। न्यायालय ने प्रतिवादियों को 19 अगस्त 2025 तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
इस मामले में राष्ट्रीय याचिकाकर्ता संघ के उपाध्यक्ष शंभू विश्वकर्मा का प्रतिनिधित्व किया जा रहा है और उनकी ओर से अधिवक्ता मनोज कुमार मिश्रा ने पैरवी की है।
आज की पत्रकार परिषद में उपाध्यक्ष शंभू विश्वकर्मा, रमेश कलेस्कर, अशोक मांडवकर, सुरेश गाडगे, अनिल बंडीवार, प्रभाकर सुंचूवार, रमेश बल्लेवार, प्रकाश सातपुते, मारोती नांदेकर आदि उपस्थित थे। परिषद में कामगारों के न्यायपूर्ण अधिकारों के लिए कानूनी लड़ाई अंतिम चरण तक लड़ी जाएगी, ऐसा संकल्प व्यक्त किया गया।
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